Piles Symptoms with protruding external and internal, पाइल्स के लक्षण और इलाज हिंदी
पाइल्स के लक्षण और इलाज हिंदी

पाइल्स के लक्षण और इलाज हिंदी में जानें और बिना सर्जरी के इसे कैसे ठीक किया जा सकता है। पाइल्स होने पर क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। यह जानने के लिए सबसे पहले हमें पाइल्स को समझना होगा।

पाइल्स के लक्षण और इलाज हिंदी में

पाइल्स(Piles) बेसिकली एक ऐसी कंडीशन है जिसमें रेक्टम के अंदर की शिराएं (Veins)फूली होती हैं और उसके अंदर सूजन आ जाती है। किसी भी कारण की वजह से अगर किसी को कब्जियत हो और वह बार-बार प्रेशर लगाए मल पास करने के लिए, तो उस दबाव की वजह से, वहां के आसपास की जो शिराएं होती है, उनके अंदर सूजन आ जाती है। या यह कह लीजिए कि वहां पर दबाव पड़ने की वजह से जो शिराएं होती है वो धीरे-धीरे फूलनी शुरू हो जाती हैं।

दबाव के कारण वह कंडीशन धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते ऐसी हो जाती है कि ज्यादा मात्रा में ब्लड उनके अंदर इकट्ठा हो जाता है। वह कभी-कभी बाहर की तरफ आनी शुरू हो जाती है। जब हम किसी पेशेंट को देखते हैं कि उसको पाइल्स रोग हुआ है और उसे पखाना साफ करते समय हाथ से टच होता है। यह वही अवस्था है कि अंदर की शिराएं बाहर की तरफ लटकनी शुरू हो जाती है। यह कंडीशन ही कहलाती है पाइल्स।

पाइल्स के प्रकार

पाइल्स रोग मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं। उनके प्रकार को अलग-अलग तरीके से डिफाइन करना कई फैक्टर पर निर्भर करता है। पहला फैक्टर है- पाइल्स अंदर है या बाहर। इसके आधार यह पर दो प्रकार का होता है..

1. इंटरनल पाइल्स (Internal Piles)

2. एक्सटर्नल पाइल्स (External Piles)

दूसरा आधार होता है ब्लड के जाने का। किसी व्यक्ति में ब्लड जाता है किसी में ब्लड नहीं जाता है।

जिसमें Blood जाता है उसको कहते हैं (1) ब्लीडिंग पाइल्स

जिसमें ब्लड नहीं जाता है उसे कहते हैं (2) नॉन ब्लीडिंग पाइल्स या Bland पाइल्स

पाइल्स के लक्षण

  1. गुदा के आसपास सूजन जैसे लक्षण महसूस होना
  2. गुदा के आसपास खुजली या जलन का होना
  3. मल पास करते समय जलन व दर्द महसूस होना
  4. बार बार मल पास करने की इच्छा होना लेकिन मल का न निकलना
  5. मल पास करते समय जलन और दर्द का होना जो स्टॉल पास करने के बाद भी काफी देर तक बना रहे
  6. मल द्वार के आसपास लालीपन महसूस होना
  7. सौच में म्यूकस का होना
  8. सौच के वक्त चमकदार लाल खून का आना और साथ में जलन का होना
  9. पेल्विक रीजन में भारीपन सा महसूस होना
  10. कब्ज का अक्सर बने रहना
  11. गुदा के पास कठोर गांठ जैसी महसूस होना। पखाना साफ करते समय हाथों से कुछ गांठ जैसी चीज टच होना
  12. सौच के बाद भी ऐसा महसूस होना कि पेट पूरा साफ नहीं हुआ है

अगर इस प्रकार के लक्षण किसी मरीज को अपने अंदर देखने को मिलते हैं तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए

पाइल्स होने के मुख्य कारण

पाइल्स को आयुर्वेद में अर्श कहा जाता है। यह त्रिदोष माना जाता है अर्थात इसके अंदर तीनों दोष पाए जाते हैं- वात, पित्त, और कफ। यह कई कारणों से हो सकता  जिसमें से कुछ निम्न हैं-

  1. ज्यादा देर तक खड़े रहकर के काम करने वालों को पाइल्स रोग होने की संभावना ज्यादा होती है, जैसे बस कंडक्टर, पुलिस इत्यादि। ऐसे लोग जो ज्यादा देर तक बैठते रहते हैं जैसे ड्राइवर उनको भी पाइल्स होने की संभावना होती है, फिर भी कुछ मुख्य कारण है।
  2. ऐसे लोग जिनको कब्ज की शिकायत अक्सर बनी रहती है। उन लोगों को भी पाइल्स होने की संभावना होती है क्योंकि जिनको कब्जियत होती है, उनको कब्ज के कारण लैट्रिन के रास्ते में दबाव बना रहता है।जिससे वहां की नलिकाएं सूज जाती है, जिसे मस्सा या पाइल्स कहा जाता है।
  3. ऐसे लोग जो ज्यादा तला-भुना भोजन करते हैं उनको भी पाइल्स होने की संभावना ज्यादा होती है।
  4. जो मल का समय पर त्याग नहीं करते हैं या जिनके मल जाने का कोई समय नहीं होता है। कभी-कभी कई दिन तक मल त्याग नहीं करते हैं, उनको भी पाइल्स होने की संभावना होती है।
  5. ऐसे लोग जो फाइबर युक्त भोजन का सेवन कम करते हैं, उनको भी पाइल्स रोग होने की संभावना होती है। क्योंकि फाइबर का सेवन कम करने पर पेट आसानी से साफ नहीं हो पाता है।
  6. महिलाओं को प्रेगनेंसी और प्रसव के दौरान पाइल्स होने की संभावना होती है। क्योंकि प्रसव के दौरान जब बच्चा बाहर की तरफ आता है तो वहां की पतली-पतली शिराओं पर दबाव पड़ता है और जो बाद में पाइल्स में कन्वर्ट हो जाती हैं।
  7. धूम्रपान और शराब का सेवन करने वाले लोगों को भी पाइल्स होने की संभावना ज्यादा होती है।
  8. जो लोग अवसाद में रहते हैं या मानसिक तकलीफ जिनको ज्यादा होती है। चिंता ज्यादा करते हैं, लगातार सोचते-रहते हैं, ऐसे लोगों को भी पाइल्स रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
  9. ऐसे लोग जो आलसी पूर्ण जीवन व्यतीत करते हैं उनको भी पाइल्स रोग होने की संभावना होती है।
  10. ऐसे लोग जो किसी अंग्रेजी दवा का सेवन लंबे समय से करते आ रहे हैं और जो पेट में कब्जियत पैदा कर देती हो तो वैसे ही स्थिति में भी पाइल्स रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।

सावधानियां (पाइल्स के लक्षण और इलाज हिंदी)

पायल से बचने के लिए मरीज को ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए। विशेषज्ञों की राय है कि अगर ज्यादा से ज्यादा फाइबर का सेवन किया जाए तो पेट बहुत ही आसानी से साफ होगा। पेट आसानी से साफ होने से कब्जियत नहीं होगी। कब्जियत ना होने से जो मस्सों पर दबाव पड़ता है, वह दबाव कम से कम होगा और धीरे-धीरे करके वह नॉरमल कंडीशन में आने शुरू हो जाएंगे।

इसके साथ-साथ खाने-पीने में ज्यादा से ज्यादा कच्ची चीजें, जैसे सलाद, फल, इनका अगर भरपूर मात्रा में सेवन किया जाए तो यह पाइल्स रोग को जल्दी ही अपने नॉरमल कंडीशन में आने में मदद करती है। इसके अलावा भरपूर मात्रा में पानी पिए पानी पीने से शरीर में हाइड्रेशन बना रहता है और Piles की संभावना न के बराबर हो जाती है।

बवासीर में क्या खाएं

ज्यादा से ज्यादा कच्चे फलों और सब्जियों का सेवन करें। इसके साथ-साथ ऐसे फलों का भी सेवन करें जिनमें उसके छिलके भी आप आसानी से खा पाए। जैसे अंगूर, अमरूद, इसके अलावा जितने भी सलाद हैं उनको भी खाएं जैसे गाजर, टमाटर, चुकंदर, खीरा, ककड़ी, पत्ता गोभी, पालक, साग, बथुआ इत्यादि। इनको अगर आप कच्चा ही खाते हैं तो यह ज्यादा फायदेमंद होगा। साबूत अनाज का भी आप भरपूर मात्रा में सेवन कर सकते हैं।साबुत अनाज जैसे कई बार हम चने को भिगोते हैं तो जब वह अंकुरित होने लगे तो उसको खाना भी फायदेमंद होता है। उसके साथ में आप मूंग, मूंगफली इत्यादि का भी सेवन कर सकते हैं।

कुछ मुख्य भोज्य पदार्थ निम्न हैं –

1. साबुत अनाज खाएं

पाइल्स की शिकायत होने पर ज्यादा से ज्यादा साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए क्योंकि साबुत अनाज में फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। जितने भी छिलके होते हैं वह सारे फाइबर के भरपूर स्रोत होते हैं। इसलिए ऐसे अनाज का सेवन ज्यादा करें जिसमें उसके छिलके मिले हुए हो। आटे को कम से कम चालें या ऐसे आटा का प्रयोग करें जिसके अंदर फाइबर ज्यादा हो।

      मार्केट में मिलने वाले आटे को इतना ज्यादा बारीक पीस दिया जाता है कि उसके सारे फाइबर पीसकर नष्ट हो जाते हैं, इसलिए आटे को खुद पिसवायें जिससे उसके अंदर चोकर पड़ा रहे। आटा थोड़ा मोटा पिसवायें ताकि उसके अंदर भरपूर मात्रा में चोकर हो जिसे हम फाइबर कहते हैंऔर जो हमारे पाचन को सही करने में बहुत काम आता है।

इसके अलावा ज्यादा से ज्यादा मात्रा में मिलेट्स का भी इस्तेमाल करना चाहिए। मिलेट्स जिसे सामान्यतया हम श्री अन्न भी कहते हैं। आजकल सरकार भी इसके उत्पादन को लेकर के बहुत ही सतर्क है और इसके उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। इसके अंदर कई सारे अनाज आते हैं जिसे मोटा अनाज भी कहा जाता है, जैसे मक्का, रागी, श्रीअन्न, ज्वार, बाजरा, कोदो, संवा, इत्यादि।

इनका सेवन करने से मल नरम हो जाता है और आसानी से पास हो जाता है। तकलीफ भी कम से कम हो जाती है और पाइल्स रोग को जल्दी ठीक होने में मदद भी मिलती है।

2. फलों का पर्याप्त सेवन करें

फलों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना पाइल्स के मरीज के लिए बहुत ही उत्तम होता है। फलों को अगर आप कच्चा प्रयोग करते हैं तो इससे आपको बहुत फायदा होगा क्योंकि इसके अंदर भरपूर मात्रा में पानी और फाइबर पाया जाता है जो पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके अंदर विटामिन और मिनरल्स भी पाए जाते हैं जो कि शरीर की पौष्टिकता के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। आंतों की सफाई के लिए पर्याप्त मात्रा में आवश्यक फाइबर भी मिल जाते हैं। शरीर को नमी युक्त बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भी मिल जाता है।

3. हर्बल टी का सेवन करें

अगर आप हर्बल टी का सेवन करते हैं और उसके अंदर चीनी और दूध का प्रयोग नहीं करते हैं तो आप देखेंगे कि यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकती है। यह आपके पेट को साफ रखने में और साथ ही साथ कब्जियत की वजह से होने वाली तकलीफ को भी है दूर करती है। यह वहां की सूजन और तकलीफों को दूर करके मरीज को आराम देती है।

4. पर्याप्त जल का सेवन

पानी पीने से मल नरम होता है और आसानी से पास हो जाता है। इसके साथ ही साथ पानी ज्यादा से ज्यादा पीने पर शरीर में जल की पर्याप्त मात्रा मौजूद रहती है। यह शरीर की सभी गंदगी को साफ करने में भी काफी मदद करती है। पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करने से शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। क्योंकि जल में ऑक्सीजन के अणु पाए जात जाते हैं जो शरीर की हर कोशिका की पहली आवश्यकता है। हर कोशिका को ऑक्सीजन चाहिए होती है जो जल के विघटन से प्राप्त होने वाली ऑक्सीजन से पूरी होती है जिससे शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

5. सलाद का भरपूर प्रयोग

पाइल्स के मरीज को अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा सलाद का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि सलाद में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। यह फाइबर भोजन को आसानी से पचने में और उसे आसानी से स्टूल के माध्यम से बाहर निकलने में मदद करता है। पाइल्स के मरीज को अक्सर टमाटर, गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, पत्ता गोभी, फूलगोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, इत्यादि का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

6. फलों के रस का सेवन

फलों के रस का सेवन करने से शरीर में जल की पर्याप्त मात्रा मिलती रहती है जो कि शरीर की गंदगी को साफ करने में मदद करती है। इसके साथ ही साथ क्योंकि इसमें पर्याप्त जल की मात्रा होती है जिससे Stool भी मुलायम होता है और आसानी से पास हो जाता है। इसमें मरीज नारियल का पानी, अलग-अलग प्रकार के फलों का जूस जैसे नींबू, संतरा, अंगूर, मुसबबी इत्यादि फलों का सेवन करना लाभदायक रहेगा। ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, इत्यादि फलों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट पाइल्स की सूजन को कम करने में भी मदद करते हैं।

पाइल्स रोग में क्या नहीं खाना चाहिए (पाइल्स में परहेज)

1. तली-भुनी चीजें नहीं खाएं

तलने की वजह से किसी भी भोजन की पौष्टिकता कम हो जाती है। भोजन को जब हम तलते हैं तो उसके अंदर फ्री रेडिकल्स पैदा हो जाते हैं और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा कम हो जाती है। जब हम इस भोजन का सेवन करते हैं तो यह हमारे पाचन को भी प्रभावित करता है। क्योंकि तली-भुनी चीजों में वसा की मात्रा बढ़ी हुई होती है जिसे पचाने के लिए लीवर को एक्स्ट्रा काम करना पड़ता है। साथ में फ्री रेडिकल्स जो की एक विषैले पदार्थ की तरह होते हैं, उनको शरीर से बाहर निकालने के लिए भी लिवर को और शरीर के दूसरे अंगों को काम करना पड़ता है जिससे हमारी इम्यूनिटी कमजोर होती है।

इसके अलावा तली-भुनी चीजे पचने में काफी समय लेती हैं। तली-भुनी चीजों का पीएच लेवल काफी कम होता है अर्थात यह अम्लीय प्रकृति की होती हैं जो कि शरीर के लिए नुकसान देय होती हैं। इसलिए तली-भुनी चीजों का पाइल्स में परहेज करना चाहिए।

2. पैक्ड भोज्य पदार्थों का सेवन न करें

जितने भी पैक्ड भोज्य पदार्थ होते हैं उनके अंदर में कई सारे केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है ताकि वह लंबे समय तक अच्छे दिखें। कई सारे केमिकल के प्रयोग से इनकी गुणवत्ता काफी कम हो जाती है। केमिकल का शरीर पर बुरा असर भी पड़ता है। एक नॉरमल कंडीशन में कोई भी आटा कुछ दिनों के बाद खराब होने लगता है। लेकिन अगर इस आटे में कुछ केमिकल का प्रयोग कर दिया जाए तो उसको आप आसानी से एक महीने, दो महीने या उससे ज्यादा समय तक भी रख सकते हैं।

ऐसे ही जितने भी पैकड चीजें होती हैं, जैसे ब्रेड या और भी कोई चीज, इन सबको बनाने में मैदे का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाता है। या ऐसे केमिकल का प्रयोग किया जाता है जो शरीर के लिए नुकसानदेह होते हैं। आप जानते ही हैं कि अगर मैदे का ज्यादा प्रयोग किया जाए तो यह इतना चिकना होता है कि आँतों में चिपकने लग जाता है। इसके अलावा जितने भी पैक्ड भोज्य पदार्थ होते हैं इनके सेवन से कब्जियत पैदा होना, गैस बनना इत्यादि विकार शुरू हो जाते हैं। इसलिए कभी भी इनका प्रयोग पाइल्स के मरीज को नहीं करना चाहिए।

3. कॉफी का सेवन न करें

पाइल्स के मरीज को काफी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि काफी में पाया जाने वाला कैफीन शरीर से जल के निष्कासन की प्रक्रिया को तेज करता है। जिससे जल की कमी के कारण मल कठोर होने लगता है और कब्जियत की शिकायत होने लग जाती है जो कि पाइल्स को और बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए पाइल्स के मरीज को काफी का सेवन से पाइल्स में परहेज करना चाहिए।

पाइल्स का इलाज हिंदी के लिए हमारे जीवन शैली कैसी होनी चाहिए

  1. प्रतिदिन 6 से 8 क्लास जल का सेवन करें।
  2. लंबे समय तक पखने में बैठ ना रहें।
  3. जब हाजत महसूस हो तो मल पास करने के लिए अवश्य जाएं।
  4. अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करें।
  5. रोजाना व्यायाम करने की आदत डालें।
  6. अपना मन हमेशा सुखी रखें और हमेशा प्रसन्नचित रहें।
  7. अपने भोजन में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हरी सब्जियां, सलाद, फल, इत्यादि का सेवन करें।
  8. अगर मल पास करने में आपको कोई भी तकलीफ महसूस होती है तो अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
  9. मल पास करते समय कभी भी मल द्वार पर ज्यादा दबाव न डालें, इससे पाइल्स होने की संभावना बढ़ जाती है।
  10. अपने भोजन में अपने आहार के साथ दही का सेवन अवश्य करें, यह पेट को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके साथ-साथ पपीते का फल अपने भोजन में अवश्य शामिल करें यह भी पेट को साफ रखने में काफी मददगार साबित होता है।

पाइल्स का इलाज हिंदी पर आपके सवालों के जवाब

क: क्या पाइल्स का इलाज हिंदी को घर पर किया जा सकता है?

उ: हां, गरम स्नान और आहारी परिवर्तन जैसे कुछ घरेलू उपाय माध्यमिक हेमोराइडल लक्षणों को आराम प्रदान कर सकते हैं।

क: पाइल्स के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप कब आवश्यक है?

उ: गंभीर मामलों के लिए या सामान्य उपाय से राहत प्रदान करने में असफलता के स्थान पर सर्जिकल विकल्प आवश्यक होते हैं।

क: गर्भावस्था के दौरान पाइल्स का इलाज हिंदी के लिए क्या प्राकृतिक उपचार हैं?

उ: हां, गर्भवती व्यक्तियों के लिए सुरक्षित घरेलू उपचारों की खोज करें और मार्गदर्शन के लिए स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों से सलाह करें।

क: आहार में खाने का क्या योगदान है पाइल्स को रोकने में?

उ: एक फाइबर-युक्त आहार के साथ, पर्याप्त तरल प्रवाह के साथ, हेमोराइड्स को रोकने और संचालित करने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।

क: घरेलू उपायों में परिणाम दिखाई देने में कितना समय लगता है?

उ: परिणाम भिन्न हो सकते हैं, लेकिन घरेलू उपायों का सिद्धांतित अनुसरण कुछ दिनों से लेकर सप्ताहों में राहत प्रदान कर सकता है।

क: क्या पाइल्स का इलाज हिंदी एक आकार-सभी के लिए है?

उ: नहीं, इलाज व्यक्तिगत लक्षणों, गंभीरता और कुल स्वास्थ्य पर आधारित है। व्यक्तिगत सलाह के लिए स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

उपसंहार

तो अपने जाना की पाइल्स क्या होती है? कैसे होती है? इसके कारण क्या-क्या है? और हम आसानी से घर बैठे पाइल्स को ठीक करने का उपाय कर सकते हैं? जिसमें हमारा भोजन कितना मददगार साबित होता है। पाइल्स का इलाज हिंदी में कैसे करें यह जानने के लिए यह ब्लॉग काम आए यही उम्मीद है दोस्तों। यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। धन्यवाद।

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